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प्रधानमंत्री की भूमिका और नियुक्ति प्रक्रिया

भारत में प्रधानमंत्री का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि प्रधानमंत्री देश की कार्यकारी शक्ति का प्रमुख व्यक्ति होता है और सरकार के विभिन्न निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह नियुक्ति उस व्यक्ति को दी जाती है जिसे लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।

प्रधानमंत्री की जिम्मेदारियां:

  • मंत्रिपरिषद का नेतृत्व: प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष होते हैं और वे सरकार की नीतियों के निर्धारण और कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं।
  • नीतिगत निर्णय: प्रधानमंत्री सरकार की नीतियों को निर्धारित करते हैं, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, और विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल होते हैं।
  • संसदीय जिम्मेदारी: प्रधानमंत्री को लोकसभा में बहुमत प्राप्त करना होता है और उन्हें संसद में अपनी सरकार का विश्वास बनाए रखना होता है।
  • देश की सुरक्षा और रक्षा: प्रधानमंत्री देश की सुरक्षा और रक्षा नीति को निर्धारित करने में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं, और राष्ट्रीय संकटों के दौरान निर्णय लेने में सक्रिय होते हैं।

प्रधानमंत्री की नियुक्ति प्रक्रिया:

भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह प्रक्रिया बहुमत के समर्थन पर निर्भर होती है। प्रधानमंत्री वही व्यक्ति बनता है जिसे लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त होता है। यदि कोई पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त करती है, तो राष्ट्रपति उस व्यक्ति को नियुक्त करते हैं, जो अन्य दलों के समर्थन के माध्यम से बहुमत का विश्वास प्राप्त कर सकता है।

भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची (1947–2025)

1. पंडित जवाहरलाल नेहरू (15 अगस्त 1947 – 27 मई 1964)

नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और विज्ञान को बढ़ावा दिया। उनका कार्यकाल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद के राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण था। उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की और भारतीय राजनीति और समाज में अनेक सुधार किए। उनका नेतृत्व ने भारत को एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में मदद की।

2. गुलजारीलाल नंदा (कार्यवाहक) (27 मई 1964 – 9 जून 1964)

नंदा ने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत छोटा था। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री के निधन के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने।

3. लाल बहादुर शास्त्री (9 जून 1964 – 11 जनवरी 1966)

शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया और भारतीय कृषि व सैनिक बलों को प्रोत्साहित किया। उनका कार्यकाल 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण था, जिसमें भारतीय सेना की विजय सुनिश्चित की गई। उनका निधन ताशकंद समझौते के बाद हुआ, जो उनकी असमय मृत्यु के कारण एक रहस्य बना हुआ है।

4. गुलजारीलाल नंदा (कार्यवाहक) (11 जनवरी 1966 – 24 जनवरी 1966)

यह दूसरा मौका था जब नंदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, जब शास्त्री जी के निधन के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई।

5. इंदिरा गांधी (24 जनवरी 1966 – 24 मार्च 1977, 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984)

इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति की एक प्रमुख शख्सियत थीं और उन्होंने भारतीय राजनीति में कई निर्णायक परिवर्तन किए। उनका कार्यकाल विवादास्पद भी रहा, खासकर जब उन्होंने 1975 में आपातकाल लागू किया। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में विजय प्राप्त की, जिसके कारण बांगलादेश का जन्म हुआ।

6. मोरारजी देसाई (24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979)

देसाई भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। उनका नेतृत्व जनता पार्टी द्वारा गठित सरकार के तहत हुआ। हालांकि उनकी सरकार अल्पकालिक साबित हुई और 1979 में गिर गई।

7. चरण सिंह (28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980)

चरण सिंह का प्रधानमंत्री का कार्यकाल बहुत छोटा था और उनका शासन किसानों के हितों पर आधारित था।

8. राजीव गांधी (31 अक्टूबर 1984 – 2 दिसंबर 1989)

राजीव गांधी इंदिरा गांधी के पुत्र थे। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति लाई। उनके कार्यकाल में भारत ने कंप्यूटर और मोबाइल फोन के क्षेत्र में प्रमुख कदम उठाए।

9. विश्वनाथ प्रताप सिंह (2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990)

विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया, जिसके तहत पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण लागू किया गया।

10. चंद्रशेखर (10 नवंबर 1990 – 21 जून 1991)

चंद्रशेखर की सरकार अल्पमत सरकार थी, और उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दल के समर्थन के प्रधानमंत्री पद संभाला।

11. पी. वी. नरसिंह राव (21 जून 1991 – 16 मई 1996)

नरसिंह राव ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया। उन्हें “आधुनिक भारत का चाणक्य” कहा जाता है।

12. अटल बिहारी वाजपेयी (16 मई 1996 – 1 जून 1996, 19 मार्च 1998 – 22 मई 2004)

अटल बिहारी वाजपेयी पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पूरा कार्यकाल पूरा किया। उनकी सरकार ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को लागू किया।

13. एच. डी. देवेगौड़ा (1 जून 1996 – 21 अप्रैल 1997)

देवेगौड़ा ने संयुक्त मोर्चा सरकार का नेतृत्व किया और वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे। उनका कार्यकाल कर्नाटक और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण था।

14. इंद्र कुमार गुजराल (21 अप्रैल 1997 – 19 मार्च 1998)

गुजराल सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध, गुजराल ने भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार के लिए कार्य किया।

15. डॉ. मनमोहन सिंह (22 मई 2004 – 26 मई 2014)

मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत के आर्थिक क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए और शांति से नेतृत्व दिया।

16. नरेंद्र मोदी (26 मई 2014 – वर्तमान)

नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं की शुरुआत की। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक राजनीति में मजबूत स्थिति बनाई है।

निष्कर्ष

भारत के प्रधानमंत्री ने अपनी-अपनी सरकारों के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और देश के राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक ढांचे को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी नीतियों का असर आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा।

Twinkle Pandey

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