मणिपुर, भारत का एक खूबसूरत उत्तर-पूर्वी राज्य, ने देश और दुनिया को कई प्रेरणादायक व्यक्तित्व दिए हैं। यहां के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से राज्य और देश को गर्व महसूस कराया है। मणिपुर के कई व्यक्तित्वों ने खेल, साहित्य, सामाजिक कार्यों और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस लेख में हम मणिपुर के कुछ ऐसे महान व्यक्तित्वों के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने उत्कृष्ट कार्यों से मणिपुर का नाम ऊंचा किया।
एमसी मैरी कॉम, जिनका पूरा नाम मंगते चुंगनेइजांग मैरी कॉम है, भारतीय बॉक्सिंग की एक जानी-मानी हस्ती हैं। मैरी कॉम का जन्म मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ था और वे 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे भारत में चर्चित हुईं। वह पहली महिला बॉक्सर हैं जिन्होंने इतनी ऊंचाईयों को छुआ।
मैरी कॉम ने अपने करियर की शुरुआत 2000 में की जब उन्होंने इंफाल में अपने पहले कोच के. कोसाना मेटी के साथ प्रशिक्षण लेना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने अपने परिवार से अपने बॉक्सिंग करियर को छिपाकर रखा, लेकिन राज्य चैंपियनशिप जीतने के बाद उनकी यह सफलता परिवार के सामने आई। इसके बाद मैरी कॉम ने भारत के लिए कई पदक जीते, जिसमें 2014 के एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक भी शामिल है। हालांकि, 2012 ओलंपिक में उन्हें केवल कांस्य पदक मिला जब वह यूके की निकोला एडम्स से हार गईं।
मैरी कॉम की जिंदगी केवल बॉक्सिंग तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने 2005 में फुटबॉलर करुंग ओन्कहोलेर से शादी की और उनके चार बच्चे हैं। इसके अलावा, वह पशु अधिकारों के समर्थन में भी सक्रिय हैं और PETA इंडिया की समर्थक हैं।
बिजू थांगजम, जिन्हें पहले थांगजाम बिजु सिंह के नाम से जाना जाता था, एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। बिजू ने अपनी पहली टेलीविजन उपस्थिति मास्टर शेफ इंडिया 2 में एक प्रतियोगी के रूप में की। इसके बाद उन्होंने मैरी कॉम की बायोपिक में 2014 में अपनी पहली फिल्म में अभिनय किया।
बिजू ने इसके बाद कई प्रसिद्ध फिल्मों में काम किया, जिनमें शिवाय, जग्गा जासूस, पटलान, आदि शामिल हैं। उन्हें III स्मोकिंग बैरल्स फिल्म के लिए प्रग सिनेमाई पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक के लिए भी नामांकित किया गया था। बिजू थांगजम ने वेब सीरीज में भी अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है, जैसे द टेस्ट केस, टाइपराइटर, कार्क रोग, फ्लेश, आदि। वह केवल एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि उद्यमी, गीतकार और शेफ के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं।
इरोम चानू शर्मिला, जिन्हें ‘मणिपुर की आयरन लेडी’ के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, कवियित्री और कलाकार हैं। इरोम शर्मिला की प्रसिद्धि उनके शांतिपूर्ण भूख हड़ताल से है, जो उन्होंने विवादास्पद आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के खिलाफ शुरू की थी।
शर्मिला ने 5 नवंबर 2000 को AFSPA को मणिपुर से हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू की। उन्होंने 500 सप्ताहों से अधिक समय तक भूख और प्यास का त्याग किया। इस लंबी भूख हड़ताल ने उन्हें ‘दुनिया की सबसे लंबी भूख हड़ताल करने वाली महिला’ बना दिया। हालांकि बाद में उन्होंने अपनी आंदोलन समाप्त कर दी। शर्मिला ने कई प्रभावशाली कविताएं भी लिखी हैं, जिनमें ‘अनबाइंड मी’, ‘व्हेन द कर्टेन्स गो अप’ आदि प्रमुख हैं।
डिंगको सिंह, जिन्हें नगंगम डिंगको सिंह के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज थे। 1998 के एशियाई खेलों में उन्होंने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले उन्होंने 1997 में किंग्स कप में भी स्वर्ण पदक जीता था।
डिंगको सिंह ने 2000 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें 1998 में अर्जुन पुरस्कार और 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। डिंगको सिंह भारतीय नौसेना में एक प्रतिष्ठित पद पर थे और बाद में वे बॉक्सिंग कोच बने। उनका निधन 10 जून 2021 को लिवर कैंसर के कारण हुआ।
मोइरंगथेम कीर्ति सिंह, जिन्हें एम कीर्ति सिंह के नाम से भी जाना जाता है, मणिपुर के एक प्रसिद्ध लेखक और शिक्षा शास्त्री हैं। उन्होंने जॉनस्टोन हायर सेकेंडरी स्कूल, इम्फाल और डीएम स्कूल, गुवाहाटी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने मणिपुरी संस्कृति और इतिहास पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं, विशेष रूप से मीतैलॉजी पर।
उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में शामिल हैं: “मणिपुर में धार्मिक विकास (18वीं और 19वीं शताब्दी)”, “मणिपुर का धर्म और संस्कृति”, “मणिपुर की लोक संस्कृति”, “पूर्वी और इंडोलॉजिकल अध्ययन में नवीनतम शोध: मीतैलॉजी सहित”, “धर्म का दर्शन” और “ऑर्गनिज़्म का दर्शन”।
एम कीर्ति सिंह को कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जैसे 1992 में पद्म श्री, 1998 में भारत उत्कृष्टता पुरस्कार, 1999 में द राइजिंग पर्सनालिटी अवार्ड, 2002 में राष्ट्रव्यापी भारतीय समरसता पुरस्कार और नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय पुरस्कार।
मणिपुर ने कई महान और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों को जन्म दिया है। इन प्रतिभाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय सफलता प्राप्त की है और मणिपुर का नाम देश और दुनिया में रोशन किया है। एमसी मैरी कॉम, डिंगको सिंह, इरोम चानू शर्मिला, बिजू थांगजम और एम कीर्ति सिंह जैसे व्यक्तित्व मणिपुर के गौरव हैं। ये सभी महान हस्तियां अपने अद्वितीय कार्यों और उपलब्धियों से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।
इस प्रकार, मणिपुर न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि अपने अद्वितीय और प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों के लिए भी जाना जाता है, जिन्होंने राज्य और देश को गौरवान्वित किया है।
प्रस्तावना भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) न केवल आर्थिक विकास की रीढ़…
प्रस्तावना "जब सरकारें सो जाएं, तब जनता को जागना पड़ता है।"2011 का वर्ष भारतीय लोकतंत्र…
"जिस दिन जनता जाग गई, बदलाव अपने आप आ जाएगा।" – अन्ना हज़ारे जब भी…
परिचयशेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ अर्थशास्त्र, तकनीकी विश्लेषण और निवेश रणनीति से ज़्यादा,…
परिचयसंयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly - UNGA) संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों…
उत्तर-पूर्व भारत में बसा एक छोटा लेकिन अत्यंत खूबसूरत राज्य — मिजोरम। जहां हर सुबह…
View Comments
– Товарищ Бездомный, – заговорило это лицо юбилейным голосом, – успокойтесь! Вы расстроены смертью всеми нами любимого Михаила Александровича… нет, просто Миши Берлиоза. раскрутить сайт самостоятельно Теперь регент нацепил себе на нос явно не нужное пенсне, в котором одного стекла вовсе не было, а другое треснуло.
Повезло, повезло! – вдруг ядовито заключил Рюхин и почувствовал, что грузовик под ним шевельнулся. взять микрокредит Отчего они дурные? Правду, правду сказал! – безжалостно обращался к самому себе Рюхин, – не верю я ни во что из того, что пишу!.
Решительно ничего из того, что там записано, я не говорил. добавить сайт где Пропустив мимо себя все три вагона, кот вскочил на заднюю дугу последнего, лапой вцепился в какую-то кишку, выходящую из стенки, и укатил, сэкономив таким образом гривенник.
Впоследствии, когда, откровенно говоря, было уже поздно, разные учреждения представили свои сводки с описанием этого человека. Ремонт пластиковых окон Аннино Отношения таким образом были восстановлены, и все трое вновь сели на скамью.
– Как? А… где же вы будете жить? – В вашей квартире, – вдруг развязно ответил сумасшедший и подмигнул. перевод водительского удостоверения Движение кентуриона было небрежно и легко, но связанный мгновенно рухнул наземь, как будто ему подрубили ноги, захлебнулся воздухом, краска сбежала с его лица, и глаза обессмыслились.
Здесь из внутреннего зала повалил на веранду народ, вокруг Иванова огня сдвинулась толпа. нотариус Мамилова Вот только дама, которую Степа хотел поцеловать, осталась неразъясненной… черт ее знает, кто она… кажется, в радио служит, а может быть, и нет.
Обнаруживая солидную эрудицию, Михаил Александрович сообщил поэту, между прочим, и о том, что то место в пятнадцатой книге, в главе 44-й знаменитых Тацитовых «Анналов», где говорится о казни Иисуса, – есть не что иное, как позднейшая поддельная вставка. нотариус Красносельская Этим звукам ответил сверлящий свист мальчишек с кровель домов улицы, выводящей с базара на гипподромскую площадь, и крики «берегись!».
маркетплейс аккаунтов соцсетей https://birzha-akkauntov-online.ru/
Ведь нельзя же, согласись, поместить всю свою привязанность в собаку. Сцепные устройства /фаркопы/ Он был совершенно здоров… – А почему в кальсонах? С постели взяли? – Он, доктор, в ресторан пришел в таком виде… – Ага, ага, – очень удовлетворенно сказал доктор, – а почему ссадина? Дрался с кем-нибудь? – Он с забора упал, а потом в ресторане ударил одного… и еще кое-кого… – Так, так, так, – сказал доктор и, повернувшись к Ивану, добавил: – Здравствуйте! – Здорово, вредитель! – злобно и громко ответил Иван.
площадка для продажи аккаунтов профиль с подписчиками