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म्यांमार की राष्ट्रीय पहचान: विविधता, संघर्ष और सांस्कृतिक धरोहर

दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित म्यांमार, जिसे पहले बर्मा के नाम से जाना जाता था, एक ऐसा देश है जिसकी राष्ट्रीय पहचान अनेक परतों में बसी है। यहां धर्म, जातीय विविधता, राजनीतिक घटनाएं और सांस्कृतिक प्रतीक, देश की पहचान को गहराई से प्रभावित करते हैं। हाल के वर्षों में राजनीतिक उथल-पुथल और सैन्य शासन की वापसी के बावजूद, म्यांमार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविध समाज इसकी आत्मा बने हुए हैं।

लोकतंत्र से तानाशाही की ओर

म्यांमार का इतिहास लंबे समय तक सैन्य शासन और लोकतंत्र के बीच झूलता रहा है। वर्ष 2016 में जब ह्तिन क्याव देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नागरिक राष्ट्रपति बने, तो यह म्यांमार के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। वे राष्ट्रीय लोकतंत्र लीग (NLD) के सदस्य थे और आंग सान सू की के निकट सहयोगी भी।

हालांकि, फरवरी 2021 में एक बार फिर सेना ने तख्तापलट कर लोकतांत्रिक सरकार को गिरा दिया और सैन्य कमांडर मिन आंग हलाइंग ने सत्ता अपने हाथ में ले ली। इसके बाद NLD के कई प्रमुख नेता या तो गिरफ्तार कर लिए गए या देश छोड़ने को मजबूर हो गए। आंग सान सू की को भी विभिन्न आरोपों में कैद कर दिया गया।

यह राजनीतिक अस्थिरता म्यांमार की राष्ट्रीय पहचान को गहरे स्तर पर प्रभावित करती है, विशेष रूप से जब यह देश विविध जातीय समूहों और धार्मिक समुदायों से बना है।


म्यांमार की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय प्रतीक

हर राष्ट्र की पहचान उसके प्रतीकों से भी जुड़ी होती है — जैसे उसके फूल, पशु, खेल और संगीत वाद्ययंत्र। म्यांमार भी इस मामले में एक समृद्ध संस्कृति वाला देश है।

● राष्ट्रीय फूल

  • पदौक (Padauk): यह फूल म्यांमार के नववर्ष ‘थिंग्यान’ के दौरान खिलता है और प्रेम, समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
  • थाजिन ऑर्किड (Thazin Orchid): इसे शुद्धता और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है।
  • इंग्यिन (Ingyin): म्यांमार की वनों में पाया जाने वाला यह फूल भी राष्ट्रीय गौरव का हिस्सा है।

● राष्ट्रीय पशु

  • हरी मोर (Green Peafowl)
  • श्वेत हाथी (White Elephant)
  • सिंह (Lion)
    ये जानवर म्यांमार की सांस्कृतिक कथाओं, राजा-महाराजाओं और धार्मिक प्रतीकों से गहराई से जुड़े हैं।

● राष्ट्रीय व्यंजन

  • मोहिंगा (Mohinga): चावल और मछली से बना यह व्यंजन म्यांमार का सबसे लोकप्रिय नाश्ता है।
  • लापेट थोक (Laphet Thoke): चाय की पत्तियों से बनी यह सलाद संस्कृति का खास हिस्सा है।

● राष्ट्रीय खेल

  • चिनलोन (Chinlone): पारंपरिक खेल जिसमें एक गोल बांस की गेंद को बिना हाथ लगाए पास करना होता है।

● राष्ट्रीय वाद्ययंत्र

  • सौंग (Saung): बर्मी हार्प एक प्राचीन तार वाला वाद्ययंत्र है।
  • ह्ने (Hne): बर्मी ओबो एक पारंपरिक वायुवाद्य है जिसका उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में होता है।

जातीय विविधता: म्यांमार की आत्मा

म्यांमार की सबसे विशिष्ट पहचान उसकी जातीय विविधता है। यहां 135 से अधिक जातीय समूह मौजूद हैं, जिन्हें 8 प्रमुख जातीय जातियों में बांटा गया है:

  1. बामार (Bamar)
  2. चिन (Chin)
  3. कचिन (Kachin)
  4. करेन (Karen/Kayin)
  5. काया (Kayah)
  6. मोन (Mon)
  7. रखाइन (Rakhine)
  8. शान (Shan)

● कचिन

इस समूह में 12 उप-जातियाँ शामिल हैं जैसे जिंगपो, लाशी, मारू, अटसी, लिसू आदि। ये मुख्यतः म्यांमार के उत्तरी हिस्से में रहते हैं।

● करेन (कायिन)

10 उपजातियों वाला यह समूह थाईलैंड सीमा से लगे क्षेत्रों में फैला है। इसमें पाको, सगाव, ता-ले-पवा आदि जातियाँ आती हैं।

● काया

काया में 9 उप-जातियाँ होती हैं जैसे करेन्नी, गेको, ज़ायेन आदि। इनका सांस्कृतिक पहनावा और जीवनशैली बेहद विशिष्ट होती है।

● चिन

सबसे ज्यादा उप-जातियाँ — 53 — चिन जाति में पाई जाती हैं। ये म्यांमार के पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं।

● अन्य समूह

  • शान में 33 उपजातियाँ हैं
  • बामार में 9 उपजातियाँ हैं
  • रखाइन में 7 उपजातियाँ हैं
  • मोन एकल जातीय समूह है।

यह विविधता म्यांमार की संस्कृति को रंग-बिरंगा बनाती है, लेकिन साथ ही सामाजिक और राजनीतिक टकराव का कारण भी बनती है, विशेषकर जब कोई एक समूह सत्ता में अधिक प्रभाव रखता है।


धर्म और राष्ट्रीय पहचान

म्यांमार में धर्म भी राष्ट्रीय पहचान का एक मुख्य स्तंभ है।

  • अधिकांश आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है।
  • अल्पसंख्यक धर्मों में ईसाई, इस्लाम, हिंदू और आनिमीस्टिक परंपराएं भी मौजूद हैं।

धार्मिक मतभेदों के कारण कई बार हिंसक घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के साथ हुआ संकट। यह धार्मिक और जातीय स्तर पर राष्ट्रीय एकता को चुनौती देता है।


निष्कर्ष: संघर्षों में ढूँढती अपनी पहचान

म्यांमार की राष्ट्रीय पहचान एक जटिल परंतु आकर्षक विषय है। एक ओर यहां की सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय प्रतीक और विविधता इसकी ताकत हैं, तो वहीं दूसरी ओर राजनीतिक अस्थिरता, जातीय संघर्ष और धार्मिक मतभेद इसके लिए चुनौतियाँ पेश करते हैं।

छात्रों के लिए म्यांमार की राष्ट्रीय पहचान को समझना केवल भौगोलिक या ऐतिहासिक जानकारी हासिल करना नहीं, बल्कि यह जानना है कि किस प्रकार एक देश विविधताओं के बावजूद अपनी पहचान कायम रखने की कोशिश करता है। यह अध्ययन सामाजिक विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और मानवाधिकार जैसे विषयों को भी बेहतर समझने में सहायक होता है।

Twinkle Pandey

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