तमिलनाडु की नदियाँ और बाँध: एक विस्तृत अध्ययन

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तमिलनाडु, जो भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है, नदियों और जलाशयों की एक समृद्ध विरासत को संजोए हुए है। राज्य की नदियाँ केवल जल आपूर्ति का माध्यम नहीं हैं, बल्कि कृषि, व्यापार, और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके अलावा, यहाँ कई बाँध हैं जो जल संरक्षण, सिंचाई और बिजली उत्पादन में सहायक हैं। इस लेख में हम तमिलनाडु की प्रमुख नदियों और बाँधों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. तमिलनाडु का भूगोल और जलवायु

तमिलनाडु भारत के दक्षिण में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसकी सीमाएँ केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से मिलती हैं। राज्य के पूर्वी और दक्षिणी भाग को हिंद महासागर ने घेर रखा है।

जलवायु की विशेषताएँ

तमिलनाडु की जलवायु मुख्यतः उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) है।

  • जनवरी और दिसंबर सबसे ठंडे महीने होते हैं, जिनमें तापमान 21°C से 30°C के बीच रहता है।
  • मई और जून सबसे गर्म महीने होते हैं, जिनमें तापमान लगभग 38°C तक पहुँच जाता है।

राज्य की नदियाँ और बाँध यहाँ के कृषि, जलविद्युत उत्पादन और जल आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


2. तमिलनाडु की प्रमुख नदियाँ

तमिलनाडु में कुल 17 नदी घाटियाँ (बेसिन) हैं। इनमें से कावेरी नदी सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अलावा, कई अन्य नदियाँ भी यहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक हैं।

(i) कावेरी नदी – तमिलनाडु की जीवनरेखा

कावेरी नदी तमिलनाडु की सबसे प्रमुख नदी है।

  • यह कर्नाटक में ब्रह्मगिरी पहाड़ियों से निकलती है।
  • तमिलनाडु में प्रवेश करने के बाद यह मेट्टूर बाँध से होकर गुजरती है।
  • कावेरी का जल कृषि और पीने के पानी के लिए उपयोग किया जाता है।

(ii) भवानी नदी

  • यह कावेरी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है।
  • भवानी नदी तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों से होकर गुजरती है।
  • इस नदी पर भवानी सागर बाँध बनाया गया है।

(iii) चित्रार नदी

  • यह नदी कोर्टालम पहाड़ियों से निकलती है।
  • इसकी पाँच उपनदियाँ हैं, जो तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में जल आपूर्ति करती हैं।

(iv) पोन्नैयार नदी

  • यह नदी तमिलनाडु के विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिलों की सीमा से होकर बहती है।
  • यह अंततः बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

(v) थामिराबरानी नदी

  • यह नदी तिरुनेलवेली जिले की अगसत्य मलई पहाड़ियों से निकलती है।
  • यह नदी पीने के पानी और सिंचाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

(vi) चैयार नदी

  • यह पालार नदी की सहायक नदी है।
  • यह तिरुवन्नामलाई जिले से होकर गुजरती है।

(vii) गुंडार नदी

  • यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली और विरुधुनगर जिलों से होकर बहती है।
  • कृषि और मत्स्य पालन के लिए यह नदी महत्वपूर्ण है।

(viii) नॉय्याल नदी

  • यह धारापुरम और पल्लदम तालुक से होकर गुजरती है।
  • इसका जल कोयंबटूर और इरोड जिलों में जल आपूर्ति करता है।

(ix) सूरुली नदी

  • इस नदी की उत्पत्ति सूरुली जलप्रपात से होती है, जो थेनी जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है।

(x) वैगई नदी

  • यह नदी पूर्व की ओर बहती है और मदुरै शहर से होकर गुजरती है।
  • इस नदी पर वैगई बाँध बना हुआ है।

3. तमिलनाडु के प्रमुख बाँध

तमिलनाडु में कई महत्वपूर्ण बाँध हैं, जो कृषि, जल संरक्षण और बिजली उत्पादन में सहायक हैं।

(i) मेट्टूर बाँध

  • यह तमिलनाडु का सबसे बड़ा बाँध है।
  • यह कावेरी नदी पर स्थित है।
  • इसकी सिंचाई क्षमता 2,71,000 एकड़ भूमि है।
  • यहाँ एक जलविद्युत संयंत्र भी स्थापित है।

(ii) भवानी सागर बाँध

  • यह भवानी नदी पर स्थित है और कोयंबटूर जिले के पास स्थित है।
  • यह तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है।

(iii) अमरावती बाँध

  • यह बाँध अमरावती नदी पर स्थित है, जो कावेरी की सहायक नदी है।
  • यह बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के लिए उपयोगी है।

(iv) कृष्णागिरि बाँध

  • यह बाँध तेनपेननई नदी पर बना हुआ है।
  • यह कृषक समुदाय के लिए बहुत उपयोगी है।

(v) सतनूर बाँध

  • यह बाँध तेनपेननई नदी पर स्थित है।
  • यह तिरुवन्नामलाई जिले में स्थित है।
  • यहाँ एक मगरमच्छ फार्म और मछलीघर भी बना हुआ है।

(vi) मुल्लापेरियार बाँध

  • इसे ब्रिटिश शासन के दौरान 1895 में बनाया गया था।
  • यह बाँध पेरियार नदी पर स्थित है।
  • इसका प्रमुख उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।

(vii) वैगई बाँध

  • यह बाँध वैगई नदी पर स्थित है और मदुरै से 70 किमी दूर है।
  • इसे 1959 में शुरू किया गया था

(viii) मणिमुथार बाँध

  • यह बाँध थामिराबरानी नदी पर स्थित है।
  • यह तिरुनेलवेली जिले से 47 किमी दूर स्थित है।

(ix) पापनासम बाँध

  • यह बाँध करीयार बाँध के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह तूतीकोरिन जिले में सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।

(x) परंबिकुलम-अलियार परियोजना

  • यह तमिलनाडु और केरल के बीच एक संयुक्त परियोजना है।
  • इसका उद्देश्य जल संरक्षण और सिंचाई प्रणाली को मजबूत बनाना है।

4. निष्कर्ष: नदियाँ और बाँध क्यों महत्वपूर्ण हैं?

तमिलनाडु में कुल 17 नदी घाटियाँ हैं। इनमें से 13 मध्यम नदी घाटियाँ और 4 छोटी नदी घाटियाँ हैं।

तमिलनाडु का कुल भूमि क्षेत्र भारत के 4% के बराबर है, लेकिन यहाँ की जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या का 6% है। राज्य में सिर्फ 2.5% जल संसाधन उपलब्ध हैं, जिसमें से 80% भूजल और 95% सतही जल उपयोग में लाया जा चुका है।

इसलिए, जल संरक्षण, बाँध निर्माण और नदियों के सतत विकास की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। तमिलनाडु की सरकार और स्थानीय समुदाय मिलकर जल संसाधनों के सही उपयोग और संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं।

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